Friday, January 27, 2012

The Idiot's Flowchart Guide To Running India

Sharad Pawar Slap Song

"प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह" के नाम ख़त

"प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह" के नाम एक
हिज़ड़े का ख़त ....

... प्यारे मनमोहन जी,
जब आप प्रथम बार भारत के
प्रधानमंत्री बने थे तोह हमारे बीच
ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी, पहली बार
हमारी बिरादरी का कोई व्यक्ति देश
का प्रधानमंत्री बना, यह हमारे लिए
बहुत गर्व की बात थी ! हमे भी उम्मीद हुई
की कुछ अलग जरुर होगा और अच्छा होगा!
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ! अलग जरुर हुआ
की देश में बड़े बड़े घोटाले हुए लेकिन
अच्छा आपके शासन काल में कुछ भी नहीं हुआ,
जो याद रखने योग्य हो !
आपकी वजह से हमे आये दिन
कितना अपमानित होना पड़ रहा है
इसका अंदाजा शायद आपको नहीं ! पहले जब
हम कही जाया करते थे तोह
हमारा काफी सम्मान किया जाता था,
बच्चे का जन्म हो या फिर शादी हो, हमे
बहुत इज्ज़त भाव से बुलाया जाता था!
लेकिन अब तोह आपने देश को इस लायक
ही नहीं छोड़ा की कोई बच्चे पैदा करने
की सोचे !
एक- दो बच्चो के बाद लोग हाथ जोड़ लेते है
क्युकी आपने इतनी महंगाई कर रखी है !
जो है उनका तोह ठीक से पेट भर
नहीं पा रहा तोह और पैदा करके
क्या करेंगे.
इस वजह से हमारी आमदनी भी कम हो गई !
और तोह और हम कही "बच्चे जनम" में जाते है
तोह लोग हमे अपमानित करके भेज देते है और
कहते है की "एक
तुम्हारी बिरादरी का मनमोहन पूरे देश
को खा गया अब क्या तुम हमारे बच्चे
को खाओगे ?
पहले के मुकाबले लोगो ने शादी करना कम
कर दिया है! क्युकी शादी के लिए चाहिए
होती है एक अच्छी नौकरी और वोह
नौकरी आपके शासन काल में मिल
कहा रही है. जिनके पास थी वोह
भी गवाँ के बैठ गए है. तोह शादी में कमाने
का अवसर भी हमसे लगभग छिन ही गया है !
मै आपसे हाथ जोड़ के विनती करती हूँ,
कृपया अपनी कुर्सी छोड़ के हममे
दुबारा शामिल हो जाइए, आपसे अच्छा देश
हमारा शाहरुक चला सकता है.
शाहरुक बोले तोह
हमारी गली का खुजली वाला कुत्ता.
हमे और ज्यादा शर्मिंदा ना करे मनमोहन
जी ! सम्मान से जीने का हक़ हमारा भी है!
आपका मित्र
ज्योत्सना (प्यार से ज्योति) !

Congress ka Sach - 2


अंग्रेजी समाचार चैनल हेडलाइन्स टुडे ने पंजाब के जालंधर से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र बेरी द्वारा मतदाताओं को शराब दिलवा कर वोट खरीदने के मामले का पर्दाफाश किया है| चैनल के अनुसार उन्होंने अपने एक पत्रकार को कई दिन से चल रहे इस कांड का पर्दा गिराने के लिए लगाया| पत्रकार ने सामान्य मतदाता के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी के कार्यालय में प्रवेश किया | पत्रकार को एक हरी पर्ची दी जिस पर एक हताक्षर थे| वह... पर्ची लेकर पत्रकार शराब की दुकान पर गया और दुकानदार को बोला कि बेरी ने भेजा है|

दुकानदार पर्ची देखते ही समझ गया और शराब की ६ बोतलें जिनकी कीमत लगभग १५०० रुपये होती है, निकाल के दे दी | जब पत्रकार ने पूछा कि उसे पता कैसे चला कि हस्ताक्षर असली हैं, तो दुकानदार ने कहा कि ये पर्ची उसी दुकान की है और उसी ने बेरी के साथ यह व्यवस्था की थी | पहले ६ बोतलों के पैसे लेकर फिर वो पर्ची बेरी को दी जाती थी | दुकानदार के अनुसार बेरी ने स्वयं दुकान में आकर पर्चियों पर हस्ताक्षर किए थे |

जब कैमरे के सामने पत्रकार ने राजेंद्र बेरी से इस सम्बन्ध में प्रश्न किए तो बेरी ने बोला कि ये विपक्षी दलों का षड़यंत्र है और उन्होंने कभी शराब के बदले वोट खरीदने का काम नहीं किया |

Education: Salute to this mother



गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही किसी देश के विकास की नीँव है

I salute this mother.. she knows
the value of education.. just think
about their dreams.. they jst
wanted to b lyk us... nd look at
ourself we jst hate the way we r
now... jst imagin how lucky we
are .. we got eyes ears legs hands..
all.. still we r unhappy ..wt abt
them..??? and we do all wrong
with wt all we hav... utilize wt all u
hav 4 good.. nd thank god dt u
got all these .. he given u all this
hoping that.. one day u will bring
all of those people to the main
stream...... try helping them...
promote girlz education.. find
some time.. to do..such.. from all
ur wrongs.. U cnt bring all of them
to ur home and provide shelter to
all.. in a single day.. try doing small
things that u r capable for the
time being.. JST DO IT.. u will feel
much satisfied...

Congress Ka sach: Gen. V. K. Singh



ये है भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की हाईस्कूल की सनद....जिसमे जन्म तिथि साफ-साफ 10.05.1951 दिख रही है....अब आप ही सोच लो कान्ग्रेस की क्या साजिश है इसके पीछे????????

भारतीय सेना प्रमुख की जन्म तिथि को लेकर आज कल बहुत बवाल मचा हुआ है
पर क्या आप जानते है ऐसा क्यूँ है
कांग्रेस का कहना है की उनकी जन्म तिथि गलत है उन्हें एक साल पहले रिटायर
हो जाना चाहिए था पर उन्होंने गलत जन्मतिथि बताई है जिसके कारन उनका कार्यकाल
एक से दो साल तक बढ गया है चलिएकुछ समय के लिए मन लेते है की कांग्रेस सही
कह रही है पर इतने सालो तक क्या कांग्रेस सो रही थी अचानक उसे सेना प्रमुख की
जन्म तिथि की क्यूँ चिंता होने लगी ...ये कोई इतना बड़ा विषय तो नहीं है ...जिस तरह सरकारी नोकरियो में दो से तीन साल का extention मिल जाता है तो क्या सेना प्रमुख
को नहीं मिल सकता मिल सकता है .....परन्तु यहाँ मामला कुछ और ही है बात ये है
की हमारे सेना प्रमुख एक नेक इमानदार और सच्चे इन्सान है और कांग्रेस उन्हें
इसलिए हटाना चाहती है क्यूँ की अगले साल भारत एक बहुत बड़ा रक्षा सौदा करने
जा रहा है आपको याद होगा इसी रक्षा सौदे के लालच में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक
ओबामा भारत आया था जिसे कारन अमेरिका को बहुत फायदा होता उसके यहाँ
लाखो नोकरियाँ निकलती ...तो माज़रा ये है की कांग्रेस वतमान सेना प्रमुख को हटा
के किसी अपने व्यक्ति को बिठाना चाहती है ताकि वो होने वाले इन रक्षा सौदों में फिर
से करोडो की दलाई खा सके .. (बोफोर्स तोपों के घोटालो की तरह )


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आदर्श घोटाले मे कांग्रेस को ना बचाने की सजा कांग्रेस दे रही है सेना प्रमुख को .
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मित्रों , कितनी शर्म की बात है कि हमारे पडोशी चीन और पाकिस्तान अपनी सेना को मजबूत करते जा रहे है और भारतीय सीमा से स्टे नए नए एअरपोर्ट और बंकर बनाते जा रहे है और वही दूसरी तरफ भारत का सेना प्रमुख कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहा है ..
मित्रों भारत के इतिहास मे १६ जनवरी २०१२ का दिन एक कलंकित दिन के रूप मे याद किया जायेगा जब इतिहास मे पहली बार किसी सेना प्रमुख को सरकार अपने निजी स्वार्थ के लिए इस देश की सुरक्षा की जगह अदालतों का चक्कर काटने पर मजबूर कर रही है ..

क्या है सेना प्रमुख का उम्र विवाद ?
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सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के स्कूल से लेकर युनिवर्सिटी , पासपोर्ट , ड्राइविंग लाइसेन्स, सेना के आई कार्ड , उनके सर्विस रिकार्ड , प्रोमोशन दस्तावेज , यानी सभी जगह उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 दर्ज है लेकिन एनडीए के फार्म मे क्लर्क ने गलती से 1950 लिख दिया था .फिर जब वो सेना मे लेफ्टिनेंट बने तब उनके पिताजी जो खुद उस समय कर्नल थे और बाद मे जनरल बने उन्होंने कागजात प्रस्तुत करके और हलफनामा देकर क्लर्क की इस गलती को सुधरवा दिया ..
यहाँ तक कि वीके सिंह ने सेना मे अब तक जितने भी प्रोमोशन और प्रशस्ति पत्र पाए है उन सब पर उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 ही दर्ज है . सेना के एक आरटीआई के जबाब मे खुलासा भी किया है कि उनकी जन्मतिथि सेना के रिकार्ड मे 10 मई 1951 ही है .

फिर विवाद की असली वजह क्या है ?
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असल मे वीके सिंह ने सेना से सम्बन्धित दो बड़े घोटालों की जाँच की -- सुकना जमीन घोटाला और कारगिल शहीदों के परिजनों के नाम पर बने आदर्श सोसाइटी घोटाला .
इन दोनों घोटालों मे असली दोषियो को बचाने के लिए वीके सिंह पर केन्द्र सरकार का जबरदस्त दबाव था . क्योकि आदर्श सोसाइटी घोटाले मे महाराष्ट्र के सभी बड़े कांग्रेसी नेता और कई केन्द्रीय मंत्री और राबर्ट वढेरा तक का नाम सामने आने लगा . सुशील कुमार शिंदे , [जो आज बेशर्मी से एक राज्य के राज्यपाल है और महामहिम बने है , ] अशोक चौह्वण विलास राव देशमुख [ये भी बेशर्मी से केन्द्रीय केबिनेट मंत्री बने हुए है ] शरद पवार [ इनको बेशर्म कहना बेशर्म शब्द का अपमान होगा ]
और खुद भारत के “राष्ट्रिय दामाद “ यानी राबर्ट वढेरा कभी इस घोटाले मे फसते नजर आये ..
लेकिन क़ुरबानी सिर्फ अशोक चौह्वाण की ही दी गयी और बाकी सब अपने पद पर डटे रहे .
वीके सिंह ने इस घोटाले की जाँच बड़ी ही निष्पक्षता और ईमानदारी से की हलांकि उनके उपर कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार का बहुत बड़ा दबाव था कि २ जी घोटाले की भठ्ठी मे जल रही सरकार को वीके सिंह एक और भठ्ठी मे ना फेंके , लेकिन वीके सिंह ने केंद्र सरकार के दबाव के आगे झुकने से मना कर दिया .
फिर सुकना जमीन घोटाला सामने आया जिसने बंगाल के कुछ कांग्रेस नेता सेना के दो अधिकारियों अवधेश प्रताप सिंह और अशोक रथ के साथ मिलकर सेना की जमीन पर एक पब्लिक स्कूल और एक रिजोर्ट बनाने की प्लानिंग की .लेकिन एक निजी चैनल ने इस घोटाले का भंडाफोड़ कर दिया .
इसमे भी वीके सिंह ने दो लेफ्टिनेंट जनरल का कोर्ट मार्शल करवाया और कांग्रेस से जुड़े एक बड़े उद्योगपति को जेल भिजवाया .

कांग्रेस का इतिहास है बदला लेने के लिए कुछ भी कर दे
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मित्रों जैसे पहले बाबा रामदेव सरकार और कांग्रेस के लिए बहुत अच्छे थे सारे कांग्रेसी उनके योग शिविरों मे जाने के लिए बेताब रहते थे कांग्रेसी उनके गुण गाते थे .लेकिन जैसे ही बाबा रामदेव ने काले धन और भ्रष्टाचार की बहस इस देश मे छेड़ दी उसका नतीजा है आज बाबा रामदेव को सरकार और कांग्रेस दाउद इब्राहीम से भी बड़ा खतरा मानती है ..केंद्र सरकार ने अपनी सारी १० बड़ी जाँच एजेंसियों को उनके अपने सारे काम से हटाकर सिर्फ बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के पीछे लगा दिया .
ठीक ऐसे ही सरकार ने सोनिया गाँधी के आदेश से जनरल वीके सिंह की पूरी जन्मकुंडली खंगालने को कहा ..सीबीआई से लेकर आईबी तक उनके पैतृक गांव, उनकी प्रापर्टी , उनके सारे इन्वेस्टमेंट , उनके सारे आयकर रिर्टन , उनके सारे दस्तावेज खंगालने लगे .
फिर जब उनको कुछ भी नही मिला तब कांग्रेस ने कोर्ट मार्शल के द्वारा पांच साल सजा प्राप्त अवधेश प्रताप सिंह से जेल मे संपर्क किया जो सेना के गुप्तचर कोर मे रह चुके है .उन्होंने बताया की वी के सिंह के एनडीए मे दाखिले के समय भरे फार्म मे क्लर्क से एक गलती हुई है जिसके आधार पर कुछ मामला मिल सकता है ..

आखिर कांग्रेस और सरकार जनरल वीके सिंह को एक
साल पहले रिटायर क्यों करना चाहती है ?
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असल मे आदर्श घोटाले मे अभी कई नाम और खुलने बाकी है और सेना को अभी बोम्बे हाई कोर्ट मे कई दस्तावेज देने है जिसमे कांग्रेस के जमाई राबर्ट वढेरा भी लपेटे मे आ सकते है इसलिए सरकार उन्हें एक साल पहले ही जबरजस्ती रिटायर करना चाहती है .

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सेनाध्यक्ष वी के. सिंह पर विवाद की असली वजह क्या है ?
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क्या ये सजा है आदर्श घोटाले की निष्पक्ष जांच की?
क्या ये सजा है कांग्रेस के बड़े नेताओं को बचाने की ?
क्या ये सजा है राबर्ट वाड्रा का नाम इस विवाद में लाने की?
क्या ये सजा है उस देश के सीमाओं की रक्षा तत्परता के साथ करने की जिसके नागरिक भावशून्य हैं?
क्या ये सजा है इस बात की कि कांग्रेस के विपक्ष में एक बेहद कमजोर पार्टी या alliance है?
क्या ये सजा है १९७१ में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में सक्रीय रहने की जो पाकिस्तान इत्तेफाक से हमारा भाई कहा जाता है सेकुलर लोगों कि जुबान में ..?
क्या ये सजा है ''परम विशिष्ट सेवा मेडल ' 'अतिविशिष्ट सेवा मेडल' 'युद्ध सेवा मेडल' मिलने की?
क्या ये सजा है इस बात की कि उन्हें ये सम्मान मिला ''On 11 March 2011, Singh was inducted into the United States Army War College (Class of 2001 graduate) International Fellows Hall of Fame. He is the 33rd International Fellow and the first Indian Armed Forces officer to be inducted.

अब सजा तो मिली है उन्हें..क्यों मिली सबको पता है या ये कहिये जानकर भी कोई नही जानना चाहता/क
इनटू ये सवाल हर आम देश भक्त के दिमाग में उठेगे -

क्यूँ कोई लडेगा इस देश के लिए ?
क्यों कोई अपने परिवार से अलग होकर सेना के साथ बोर्डर पर जाएगा ?
क्यूँ कोई सम्मान की जगह अपमान झेलेगा?
ऐसे बहुत से क्यूँ हैं जिनका जवाब है भी और नही भी.. खोजिये जवाब ,दीजिये जवाब , और हाँ मांगिये जवाब..

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सबसे खास वजह..........................____________________________

अगर जनरल वी के सिंह १० महीने के बाद रिटायर होते है तो फिर कांग्रेस अपने जिस "खास " को सेना प्रमुख बनाना चाहती है वो कभी नहीं बन पायेगा ..क्योकि वो इसी बीच रिटायर हों जायेगा ..

और उस खास लेफ्टिनेंट जनरल के बेटे की शादी एक पाकिस्तानी लड़की से हुयी है .. और उसकी लड़की और दामाद इटली के मिलान मे एक हथियार बनाने वाली कम्पनी मे इंजिनियर है

Ek Gumnaam Sach: Netaji



सुभाष चंद्र बोस की हत्या के पीछे
खानंग्रेस का हाथ होने की बू आती है ।
आज तक उनकी हत्या की गुथी सुलझी नहीं ।
पूरे देश को बताया गया । कि 18 अगस्त
1945 को वो हवाई जहाज करैश होने से
उनकी मौत हुई ।
लेकिन फोटो में देखिये 27 मई 1964
को नेहरु मरा । और वहां नेता जी साथ खडे़
है ।
इसका जवाब देना होगा खांग्रेस को ।।
मुझे ऐसा लगता है । कि 14 अगस्त 1947
की रात जब नेहरु ने अग्रेजो के साथ
समझौता किया ।
और अंग्रेजो द्वारा बनायेगें indian
independence act पर हस्ताक्षर किये
। ।
उसमे अंग्रेजो ने ये भी शर्त लगाई थी ।
कि अगर अंग्रेजो के जाने के बाद सरकार
(सुभाष चंद्रा बोस ) को पकड़ती है ।
तो उनको अंग्रेजो के हवाले करना होगा ।
आजादी के बाद खांग्रेस ने नेता जी को पकड़
लिया होगा ।।
और क्यों कि अब अंग्रेजो से की संधि के
कारण खांग्रेस को सुभाष जी को अंग्रेजो के
हवाले करना है ।
तो खांग्रेस ने ऐसा करने पर बदनामी बहुत
होगी । तो क्यों न इनको खुद ही मार कर
गायब कर दिया जाए ।

Nehru Ka Sach



आजादी के समय प्रधानमंत्री पद के लिये मतदान हुये जिसमें 16 बड़े राज्‍यों के लोगों... ने वोट डाले थे। जिसमें 16 में से 13 वोट सरदार वल्‍लभ भाई पटेल के लिये, 2 लाल बहादुर शास्‍त्री के लिये और 01 वोट मौलाना अबुल कलाम आजाद के लिये था। नेहरू के लिये एक भी वोट नही पढ़ा था। नेहरू को कोई भी हिन्‍दुस्‍तानी प्रधानमंत्री नही बनाना चाहता था। जब नेहरू को पता चला तो वो जाकर गांधी के पास रोया-गिड़गिड़ाया, इसके बाद गांधी ने सरदार पटेल को जाकर समझाया और पटेल तो गांधी के भक्‍त थे सो नेहरू के लिये प्रधानमंत्री की गद्दी छोड़ दी। जिसका परिणाम आज तक हिन्‍दुस्‍तानी भुगत रहा है। ये सब बातें गांधी ने स्‍वयं ही अपने एक किताब में लिख रखी है। किताब का नाम है    \'\'द हिडेन साइड ऑफ गांधी\'\

Thursday, January 26, 2012

Ek Khat Maa Ke Naam

एक भारतीय सियाचिन सेनिक
का अपनी मरी हुई माँ को लिखा हुआ खत-
प्रणाम माँ,
"माँ"बचपन में मैं जब भी रोते रोते
सो जाया करता था तोह तू चुपके से मेरे
सिरहाने खिलोने रख दिया करती थी और
कहती थी की ऊपर से एक परी ने आके रखा है
और कह गई है की अगर मैं फिर
कभी रोया तोह खिलोने नहीं देगी! लेकिन
इस मरते हुए देश का सेनिक बनके रो तोह मैं
आज भी रहा हूँ पर अब ना तू आती है और
ना तेरी परी! परी क्या....... यहाँ ढाई
हज...़ार मीटर ऊपर तोह
परिंदा भी नहीं मिलता!
मात्र 14 हज़ार के लिए मुझे कड़े अनुशासन में
रखा जाता है, लेकिन वोह अनुशासन ना इन
भ्रष्ट नेताओं के लिए है और ना इन
मनमौजी देशवासियों!
रात भर जगते तोह हम भी है लेकिन
अपनी देश के सुरक्षा के लिए लेकिन वोह
जगते है"लेट नाईट पार्टी"लिए!
इस -12 डिग्री में आग जला के अपने
को गरम करते है लेकिन हमारे देश के
नेता हमारे ही पोशाको, कवच, बन्दूको,
गोलियों और जहाजों में घोटाले करके
अपनी जेबे गरम करते है!
आतंकियों से मुठभेड़ में मरे हुए
सेनिको की संख्या को न्यूज़ चैनल
नहीं दिखाया जाता लेकिन सचिन के शतक
से पहले आउट हो जाने को देश के राष्टीय
शोक की तरह दशाया जाता है!
हर चार-पांच सालो ने हमे एक जगह से दुसरे
जगह उठा के फेंक दिया जाता है लेकिन यह
नेता लाख चोरी करले बार बार
उसी विधानसभा - संसद में पहुंचा दिए जाते
है!
मैं किसी आतंकी को मार दूँ तोह
पूरी राजनितिक पार्टियां वोट के लिए
उसे बेकसूर बना के मुझे कसूरवार बनाने में लग
जाती है लेकिन वोह आये दिन अपने अपने
भ्रष्टाचारो से देश को आये दिन मारते है,
कितने ही लोग भूखे मरते है, कितने
ही किसान आत्महत्या करते है, कितने
ही बच्चे कुपोषण का शिकार होते है लेकिन
उसके लिए इन नेताओं को जिम्मेवार
नहीं ठहराया जाता?
निचे अल्पसंख्यको के नाम पर आरक्षण
बाटा जा रहा है लेकिन आज तक मरे हुए
शहीद सेनिको की संख्या के आधार पर
कभी किसी वर्ग को आरक्षण
नहीं दिया गया?
मैं दुखी हूँ इस मरे हुए संवेदनहीन देश
का सेनिक बनके! यह हमे केवल याद करते है
26 जनवरी को और 15 अगस्त को!
बाकी दिन तो इनको शाहरुख़, सलमान,
सचिन, युवराज की फ़िक्र रहती है!
हमारी स्तिथि ठीक वैसे ही पागल किसान
की तरह है जो अपने मरे हुए बेल पर
भी कम्बल डाल के खुद ठंड में
ठिठुरता रहता है!
मैंने गलती की इस देश का रक्षक बनके!
तू भगवान् के जाएदा करीब है तोह उनसे कह
देना की अगले जनम मुझे अगर इस देश में
पैदा करे तोह सेनिक ना बनाए और अगर
सेनिक बनाए तोह इस देश में पैदा ना करे!
यहाँ केवल परिवार वाद चलता है,
अभिनेता का बेटा जबरजस्ती अभिनेता बनता है
और नेता का बेटा जबरजस्ती नेता!
प्रणाम-
लखन सिंह (मरे हुए देश का जिन्दा सेनिक)!
भारतीय सेनिक सियाचिन..!!

Saturday, January 7, 2012

Shameless Indian Politicians


After all such insults (if they ever consider it to be one), I don't think there will be any change in India. A puppet prime minister, mostly illiterate and ignorant cabinet, whole country controlled by a foreign lady - Are these the ones whom we elected?
Below are the images, by unknown photographer(s) of the Mumbai Solidarity March, which are being circulated rapidly. It's surprising that none of posters were shown in the TV news channels, atleast let this blog post reveal the traits of Indian politicians to the world.