"प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह" के नाम एक
हिज़ड़े का ख़त ....
... प्यारे मनमोहन जी,
जब आप प्रथम बार भारत के
प्रधानमंत्री बने थे तोह हमारे बीच
ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी, पहली बार
हमारी बिरादरी का कोई व्यक्ति देश
का प्रधानमंत्री बना, यह हमारे लिए
बहुत गर्व की बात थी ! हमे भी उम्मीद हुई
की कुछ अलग जरुर होगा और अच्छा होगा!
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ! अलग जरुर हुआ
की देश में बड़े बड़े घोटाले हुए लेकिन
अच्छा आपके शासन काल में कुछ भी नहीं हुआ,
जो याद रखने योग्य हो !
आपकी वजह से हमे आये दिन
कितना अपमानित होना पड़ रहा है
इसका अंदाजा शायद आपको नहीं ! पहले जब
हम कही जाया करते थे तोह
हमारा काफी सम्मान किया जाता था,
बच्चे का जन्म हो या फिर शादी हो, हमे
बहुत इज्ज़त भाव से बुलाया जाता था!
लेकिन अब तोह आपने देश को इस लायक
ही नहीं छोड़ा की कोई बच्चे पैदा करने
की सोचे !
एक- दो बच्चो के बाद लोग हाथ जोड़ लेते है
क्युकी आपने इतनी महंगाई कर रखी है !
जो है उनका तोह ठीक से पेट भर
नहीं पा रहा तोह और पैदा करके
क्या करेंगे.
इस वजह से हमारी आमदनी भी कम हो गई !
और तोह और हम कही "बच्चे जनम" में जाते है
तोह लोग हमे अपमानित करके भेज देते है और
कहते है की "एक
तुम्हारी बिरादरी का मनमोहन पूरे देश
को खा गया अब क्या तुम हमारे बच्चे
को खाओगे ?
पहले के मुकाबले लोगो ने शादी करना कम
कर दिया है! क्युकी शादी के लिए चाहिए
होती है एक अच्छी नौकरी और वोह
नौकरी आपके शासन काल में मिल
कहा रही है. जिनके पास थी वोह
भी गवाँ के बैठ गए है. तोह शादी में कमाने
का अवसर भी हमसे लगभग छिन ही गया है !
मै आपसे हाथ जोड़ के विनती करती हूँ,
कृपया अपनी कुर्सी छोड़ के हममे
दुबारा शामिल हो जाइए, आपसे अच्छा देश
हमारा शाहरुक चला सकता है.
शाहरुक बोले तोह
हमारी गली का खुजली वाला कुत्ता.
हमे और ज्यादा शर्मिंदा ना करे मनमोहन
जी ! सम्मान से जीने का हक़ हमारा भी है!
आपका मित्र
ज्योत्सना (प्यार से ज्योति) !
हिज़ड़े का ख़त ....
... प्यारे मनमोहन जी,
जब आप प्रथम बार भारत के
प्रधानमंत्री बने थे तोह हमारे बीच
ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी, पहली बार
हमारी बिरादरी का कोई व्यक्ति देश
का प्रधानमंत्री बना, यह हमारे लिए
बहुत गर्व की बात थी ! हमे भी उम्मीद हुई
की कुछ अलग जरुर होगा और अच्छा होगा!
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ! अलग जरुर हुआ
की देश में बड़े बड़े घोटाले हुए लेकिन
अच्छा आपके शासन काल में कुछ भी नहीं हुआ,
जो याद रखने योग्य हो !
आपकी वजह से हमे आये दिन
कितना अपमानित होना पड़ रहा है
इसका अंदाजा शायद आपको नहीं ! पहले जब
हम कही जाया करते थे तोह
हमारा काफी सम्मान किया जाता था,
बच्चे का जन्म हो या फिर शादी हो, हमे
बहुत इज्ज़त भाव से बुलाया जाता था!
लेकिन अब तोह आपने देश को इस लायक
ही नहीं छोड़ा की कोई बच्चे पैदा करने
की सोचे !
एक- दो बच्चो के बाद लोग हाथ जोड़ लेते है
क्युकी आपने इतनी महंगाई कर रखी है !
जो है उनका तोह ठीक से पेट भर
नहीं पा रहा तोह और पैदा करके
क्या करेंगे.
इस वजह से हमारी आमदनी भी कम हो गई !
और तोह और हम कही "बच्चे जनम" में जाते है
तोह लोग हमे अपमानित करके भेज देते है और
कहते है की "एक
तुम्हारी बिरादरी का मनमोहन पूरे देश
को खा गया अब क्या तुम हमारे बच्चे
को खाओगे ?
पहले के मुकाबले लोगो ने शादी करना कम
कर दिया है! क्युकी शादी के लिए चाहिए
होती है एक अच्छी नौकरी और वोह
नौकरी आपके शासन काल में मिल
कहा रही है. जिनके पास थी वोह
भी गवाँ के बैठ गए है. तोह शादी में कमाने
का अवसर भी हमसे लगभग छिन ही गया है !
मै आपसे हाथ जोड़ के विनती करती हूँ,
कृपया अपनी कुर्सी छोड़ के हममे
दुबारा शामिल हो जाइए, आपसे अच्छा देश
हमारा शाहरुक चला सकता है.
शाहरुक बोले तोह
हमारी गली का खुजली वाला कुत्ता.
हमे और ज्यादा शर्मिंदा ना करे मनमोहन
जी ! सम्मान से जीने का हक़ हमारा भी है!
आपका मित्र
ज्योत्सना (प्यार से ज्योति) !
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