आजादी के समय प्रधानमंत्री पद के लिये मतदान हुये जिसमें 16 बड़े राज्यों के लोगों... ने वोट डाले थे। जिसमें 16 में से 13 वोट सरदार वल्लभ भाई पटेल के लिये, 2 लाल बहादुर शास्त्री के लिये और 01 वोट मौलाना अबुल कलाम आजाद के लिये था। नेहरू के लिये एक भी वोट नही पढ़ा था। नेहरू को कोई भी हिन्दुस्तानी प्रधानमंत्री नही बनाना चाहता था। जब नेहरू को पता चला तो वो जाकर गांधी के पास रोया-गिड़गिड़ाया, इसके बाद गांधी ने सरदार पटेल को जाकर समझाया और पटेल तो गांधी के भक्त थे सो नेहरू के लिये प्रधानमंत्री की गद्दी छोड़ दी। जिसका परिणाम आज तक हिन्दुस्तानी भुगत रहा है। ये सब बातें गांधी ने स्वयं ही अपने एक किताब में लिख रखी है। किताब का नाम है \'\'द हिडेन साइड ऑफ गांधी\'\
Friday, January 27, 2012
Nehru Ka Sach
आजादी के समय प्रधानमंत्री पद के लिये मतदान हुये जिसमें 16 बड़े राज्यों के लोगों... ने वोट डाले थे। जिसमें 16 में से 13 वोट सरदार वल्लभ भाई पटेल के लिये, 2 लाल बहादुर शास्त्री के लिये और 01 वोट मौलाना अबुल कलाम आजाद के लिये था। नेहरू के लिये एक भी वोट नही पढ़ा था। नेहरू को कोई भी हिन्दुस्तानी प्रधानमंत्री नही बनाना चाहता था। जब नेहरू को पता चला तो वो जाकर गांधी के पास रोया-गिड़गिड़ाया, इसके बाद गांधी ने सरदार पटेल को जाकर समझाया और पटेल तो गांधी के भक्त थे सो नेहरू के लिये प्रधानमंत्री की गद्दी छोड़ दी। जिसका परिणाम आज तक हिन्दुस्तानी भुगत रहा है। ये सब बातें गांधी ने स्वयं ही अपने एक किताब में लिख रखी है। किताब का नाम है \'\'द हिडेन साइड ऑफ गांधी\'\
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