सुभाष चंद्र बोस की हत्या के पीछे
खानंग्रेस का हाथ होने की बू आती है ।
आज तक उनकी हत्या की गुथी सुलझी नहीं ।
पूरे देश को बताया गया । कि 18 अगस्त
1945 को वो हवाई जहाज करैश होने से
उनकी मौत हुई ।
लेकिन फोटो में देखिये 27 मई 1964
को नेहरु मरा । और वहां नेता जी साथ खडे़
है ।
इसका जवाब देना होगा खांग्रेस को ।।
मुझे ऐसा लगता है । कि 14 अगस्त 1947
की रात जब नेहरु ने अग्रेजो के साथ
समझौता किया ।
और अंग्रेजो द्वारा बनायेगें indian
independence act पर हस्ताक्षर किये
। ।
उसमे अंग्रेजो ने ये भी शर्त लगाई थी ।
कि अगर अंग्रेजो के जाने के बाद सरकार
(सुभाष चंद्रा बोस ) को पकड़ती है ।
तो उनको अंग्रेजो के हवाले करना होगा ।
आजादी के बाद खांग्रेस ने नेता जी को पकड़
लिया होगा ।।
और क्यों कि अब अंग्रेजो से की संधि के
कारण खांग्रेस को सुभाष जी को अंग्रेजो के
हवाले करना है ।
तो खांग्रेस ने ऐसा करने पर बदनामी बहुत
होगी । तो क्यों न इनको खुद ही मार कर
गायब कर दिया जाए ।
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